चिकन पॉक्स में दूध पीना चाहिए या नहीं - चिकन पॉक्स में रोगी को दूध या दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन करने से परहेज करना चाहिए क्योंकि चिकन पॉक्स में रोगी की प्रतिरोधक क्षमता और पाचन तंत्र कमजोर हो जाते है।
इस बीमारी में रोगी का लीवर खराब रहता है इसलिए उन्हें डॉक्टर्स के कहे अनुसार ऐसा खाना खाना चाहिए जो आसानी से पच जाए।
यह जाने - चिकन पॉक्स कितने दिन तक रहता है
इसके अतिरिक्त खट्टे पदार्थों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। रोगी को सेब खिलाने से फायदा मिलता है।
रोगी को चने की दाल की बजाय मूंग की दाल दे सकते है क्योंकि यह आसानी से पच जाती है।
रोगी के बिस्तर पर नीम की पत्तियां रखे। नीम में एंटीबैक्टीरियल होता है को रोगी की किटाणुओ से शरीर की रक्षा करने के लिए उतरदायी होता है।
रोगी को हवा में खुला रहने से बचना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा रोग है जो हवा के द्वारा अन्य व्यक्तियों को भी हो सकता है।
सर्दियों में रोगी को ठंड से बचना चाहिए क्योंकि Infection होने का खतरा ज्यादा होता है।
चिकन पॉक्स किसके कारण होता है
चिकन पॉक्स बीमारी वेरिसेला ज़ोस्टर नामक वायरस से होती हैं। सर्दियों के समय में यह वायरस ज्यादा सक्रिय होता है। जिन लोगो की त्वचा ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होती है उन्हे चिकन पॉक्स होने का खतरा ज्यादा रहता है।
यह बीमारी छोटे बच्चो में ज्यादातर होती है इसलिए बच्चे को चिकन पॉक्स का टीका जरूर लगाए।
निष्कर्ष
हमे उम्मीद है इस लेख को पढ़ने के बाद आपको चिकन पॉक्स में दूध पीना चाहिए या नहीं के बारे में पता चल गया होगा।
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