आज के इस लेख में हम आपको Himachal Pradesh Cricket Association Stadium Dharmshala Picht Report In Hindi में बताने वाले है। यदि आप भी आज के मैच की पिच रिपोर्ट की सही और सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, जिसे आमतौर पर एचपीसीए स्टेडियम के रूप में जाना जाता है, भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है। यह हिमालय की तलहटी में अपनी सुरम्य सेटिंग के लिए जाना जाता है, जिसकी पृष्ठभूमि में धौलाधार पर्वत श्रृंखला है। यह स्टेडियम दुनिया के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है, जो समुद्र तल से लगभग 1,457 मीटर (4,780 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। स्टेडियम में लगभग 23,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है और यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों क्रिकेट मैचों की मेजबानी करता है। यह हिमाचल प्रदेश राज्य क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है और इसने कई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों की भी मेजबानी की है। एचपीसीए स्टेडियम की अनूठी विशेषताओं में से एक स्टेडियम की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अभ्यास की सुविधा है, जिससे खिलाड़ियों क
गूगल विशेष समय पर डूडल बनाता रहता है लेकिन आज गूगल ने Khashaba Dadasaheb Jadhav Google Doodle बनाया। 27 साल के खशाबा ने इतिहास रचा, इंडिविजुअल स्पोर्ट्स में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने. कोल्हापुर के कुश्ती सेंटर्स में उनकी विरासत अभी भी मौजूद है और खेल में कई लोग उन्हें भगवान मानते हैं.
केडी जाधव की खास बात यह थी कि वह बाकि पहलवानों की तरह कद काठी में लम्बे, हट्टे कट्टे नहीं थे फिर भी उनसे कुश्ती करने पर बड़े से बड़ा पहलवान चित्त हो जाता था. बता दें कि केडी जाधव सिर्फ 5 फुट 5 इंच के थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने से काफी बड़े पहलवानों को कुश्ती में हराया था.
केडी जाधव ने 10 साल की उम्र में ही पहलवानी को अपनी जुनून बना लिया था. इतनी छोटी उम्र में ही वह अपने पिता के साथ रोजाना प्रैक्टिस करते थे. केडी जाधव रेसलिंग से अच्छी तरह से वाकिफ थे. वह अपने प्रतियोगी को उठाकर जमीन पर फेंकते थे. उनकी हेड लॉकिंग स्टाइल बेहद शानदार थी. पहले ओलंपिक में केडी जाधव का मुकाबला कुश्ती में माहिर पहलवान फ्लाइवेट पहलवान से हुई थी. इस दौरान केडी जाधव ने छठा स्थान प्राप्त किया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी.
केडी जाधव को अपने जीवनकाल में कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला. 14 अगस्त 1984 को उनका निधन हो गया था. जिसके बाद कुश्ती में उनके योगदान के लिए केडी जाधव को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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