गूगल विशेष समय पर डूडल बनाता रहता है लेकिन आज गूगल ने Khashaba Dadasaheb Jadhav Google Doodle बनाया। 27 साल के खशाबा ने इतिहास रचा, इंडिविजुअल स्पोर्ट्स में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने. कोल्हापुर के कुश्ती सेंटर्स में उनकी विरासत अभी भी मौजूद है और खेल में कई लोग उन्हें भगवान मानते हैं.
केडी जाधव की खास बात यह थी कि वह बाकि पहलवानों की तरह कद काठी में लम्बे, हट्टे कट्टे नहीं थे फिर भी उनसे कुश्ती करने पर बड़े से बड़ा पहलवान चित्त हो जाता था. बता दें कि केडी जाधव सिर्फ 5 फुट 5 इंच के थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने से काफी बड़े पहलवानों को कुश्ती में हराया था.
केडी जाधव ने 10 साल की उम्र में ही पहलवानी को अपनी जुनून बना लिया था. इतनी छोटी उम्र में ही वह अपने पिता के साथ रोजाना प्रैक्टिस करते थे. केडी जाधव रेसलिंग से अच्छी तरह से वाकिफ थे. वह अपने प्रतियोगी को उठाकर जमीन पर फेंकते थे. उनकी हेड लॉकिंग स्टाइल बेहद शानदार थी. पहले ओलंपिक में केडी जाधव का मुकाबला कुश्ती में माहिर पहलवान फ्लाइवेट पहलवान से हुई थी. इस दौरान केडी जाधव ने छठा स्थान प्राप्त किया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी.
केडी जाधव को अपने जीवनकाल में कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला. 14 अगस्त 1984 को उनका निधन हो गया था. जिसके बाद कुश्ती में उनके योगदान के लिए केडी जाधव को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.