आज के इस लेख में हम आपको Himachal Pradesh Cricket Association Stadium Dharmshala Picht Report In Hindi में बताने वाले है। यदि आप भी आज के मैच की पिच रिपोर्ट की सही और सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, जिसे आमतौर पर एचपीसीए स्टेडियम के रूप में जाना जाता है, भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है। यह हिमालय की तलहटी में अपनी सुरम्य सेटिंग के लिए जाना जाता है, जिसकी पृष्ठभूमि में धौलाधार पर्वत श्रृंखला है। यह स्टेडियम दुनिया के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है, जो समुद्र तल से लगभग 1,457 मीटर (4,780 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। स्टेडियम में लगभग 23,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है और यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों क्रिकेट मैचों की मेजबानी करता है। यह हिमाचल प्रदेश राज्य क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है और इसने कई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों की भी मेजबानी की है। एचपीसीए स्टेडियम की अनूठी विशेषताओं में से एक स्टेडियम की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अभ्यास की सुविधा है, जिससे खिलाड़ियों क
लेट्रिन सूखने के कारण - क्या आपकी लेट्रिन पेट में ही सुख जाती है और लेट्रिन करने में बहुत जोर लगाना पड़ता है यदि हां तो आप सही जगह पर आए है आज की इस पोस्ट में हम आपको लैट्रिन सूखने के 11 कारण और इसे ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय बताएंगे।
लेट्रिन सूखने को विज्ञान की भाषा में कब्ज कहा जाता है। यह समस्या जिस व्यक्ति को होती है वो कभी अपने शरीर से पूरे मल को बाहर नहीं निकाल सकता है।
आज की यह पोस्ट उन लोगो के लिए बेहद जरूरी है जिनकी लेट्रिन पेट में सुख जाती है और उन्हें लेट्रिन करने में समस्या होती है।
लैट्रिन सूखने के 11 कारण
मुख्य रूप से लेट्रिन सूखने की समस्या हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी है। जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि लेट्रिन ठीक से ना आना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर में आ रही अन्य कमियों के कारण पैदा हो सकती है, आइए जानते हैं कैसे?
- कम फाइबर युक्त भोजन का सेवन : फलों, सब्जियों और अनाज में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह दो प्रकार का होता है साल्युबल और इनसाल्युबल। दोनों पेट के लिए उपयोगी होते हैं। साल्युबल फाइबर पानी के साथ मिलकर जेल बनाकर पाचन को बढ़ाता है। वहीं, इनसाल्युबल फाइबर मल को मोटा और भारी करता है जिससे मल जल्दी बाहर आ जाता है। फाइबर की ये गतिविधि मलत्याग को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए, फाइबर की कमी मलत्याग को बाधित करके, लेट्रिन सूखने का मुख्य कारण बन सकती है।
- द्रव्य पदार्थों का कम सेवन : फाइबर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की जरूरत होती है। जैसे प्राकृतिक रूप से मीठे फल, सब्जियों का रस और सूप इत्यादि। इससे मल नरम होकर आसानी से पास हो जाता है। अगर आप द्रव्य पदार्थों का कम सेवन करते है तो आपको लेट्रिन सुख जाती है जिससे पेट में भारीपन और कब्ज की शिकायत हो जाती है।
- दवाएं : लगातार दवाओं का सेवन बीमारी से निजात पाने के लिए किया जाता है, लेकिन कुछ दवाओं का सेवन लेट्रिन सूखने की बीमारी का कारण भी बन सकता है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स और दर्द निवारक दवाएं कब्ज का कारण बन सकती हैं इसलिए, दवाइयों को भी लैट्रिन नहीं आने का कारण माना जा सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान : गर्भवती महिलाओं को अक्सर कब्ज का सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन का स्तर ज्यादा और मोटीलिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इसी कारण पेट से गुदा मार्ग तक मल आने में लगने वाला टाइम बढ़ सकता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं अतिरिक्त आयरन का सेवन करती हैं, जिसके कारण से भी लेट्रिन सुखी हो सकती है। इस दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय भी मल को बाहर निकलने से रोक सकता है।
- हाइपोथायरायडिज्म : हाइपोथायरायडिज्म का एक लक्षण कब्ज भी है। हाइपोथायरायडिज्म शरीर में हार्मोन असंतुलन के लिए जिम्मेदार है। यह असंतुलन लेट्रिन सूखने की बीमारी का कारण बन सकता है।
- शारीरिक श्रम की कमी : शारीरिक श्रम न करना या कोई व्यायाम न करना भी लेट्रिन सूखने का कारण बन सकता है। पेट की मांसपेशियों के मजबूत होने से मलत्याग करना सुविधाजनक हो सकता है। शारीरिक श्रम के अभाव में पेट की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और कब्ज का कारण बन सकती हैं।
- हेल्थ सप्लीमेंट्स : ये भी लेट्रिन सूखने का कारण बन सकते हैं। मुख्य रूप से आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट लेट्रिन सूखने का कारण बन सकते हैं।
- तनाव : तनाव कई मायनों में कब्ज पैदा कर सकता है। तनाव के दौरान निकलने वाले हार्मोन आंत में संक्रमण का कारण बन सकते हैं और मल त्याग को बाधित कर सकते हैं। इसके अलावा, तनाव के दौरान व्यक्ति उचित आहार और पर्याप्त पानी का सेवन नहीं करता और व्यायाम भी नहीं करता, जिस कारण लेट्रिन सुख जाती है।
- मल की इच्छा को रोकना : मल को रोके रखने से कब्ज की बीमारी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मल को रोके रखने से पेट और आंत धीरे-धीरे मल त्याग का संकेत देना बंद कर सकते हैं। जिससे कुछ दिनों के बाद लेट्रिन सूखने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- आईबीएस : इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट से जुड़ी ऐसी समस्या है, जिसमें पेट में दर्द या बेचैनी रह सकती है साथ ही 3 महीने या उससे अधिक समय के लिए मल त्याग की आदतों में बदलाव (जैसे दस्त या कब्ज) हो सकता है। इसलिए, इसके कारण भी लेट्रिन सूखने की समस्या हो सकती है।
- अपर्याप्त नींद : इस भागदौड़ भरे जीवन में काम का इतना दबाव है कि व्यक्ति भरपूर नींद भी नहीं सो पाता हैं। पर्याप्त नींद न लेने के कारण पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता और जिसके कारण लेट्रिन सुख जाती है और कब्ज की समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने लेट्रिन सूखने के कारणों के बारे में जाना, अब आप इन कारणों को दूर करके लेट्रिन सूखने की समस्या को खत्म कर सकते है। आप लेट्रिन सूखने की समस्या का सामना कितने दिनों से कर रहे है नीचे कमेंट करके बताए।
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