आज के इस लेख में हम आपको Himachal Pradesh Cricket Association Stadium Dharmshala Picht Report In Hindi में बताने वाले है। यदि आप भी आज के मैच की पिच रिपोर्ट की सही और सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, जिसे आमतौर पर एचपीसीए स्टेडियम के रूप में जाना जाता है, भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है। यह हिमालय की तलहटी में अपनी सुरम्य सेटिंग के लिए जाना जाता है, जिसकी पृष्ठभूमि में धौलाधार पर्वत श्रृंखला है। यह स्टेडियम दुनिया के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है, जो समुद्र तल से लगभग 1,457 मीटर (4,780 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। स्टेडियम में लगभग 23,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है और यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों क्रिकेट मैचों की मेजबानी करता है। यह हिमाचल प्रदेश राज्य क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है और इसने कई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों की भी मेजबानी की है। एचपीसीए स्टेडियम की अनूठी विशेषताओं में से एक स्टेडियम की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अभ्यास की सुविधा है, जिससे खिलाड़ियों क
आज के इस पोस्ट में हम आपको 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, स्थान और फोटो के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। अगर आप भी 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
ज्योतिर्लिंग या ज्योतिर्लिंगम भगवान शिव का भक्ति प्रतीक है। 'ज्योति' शब्द का अर्थ है प्रकाश या चमक और 'लिंग' का अर्थ चिन्ह या प्रतीक है। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का देदीप्यमान प्रतीक है।
शिव महापुराण में भारत और नेपाल में 64 मूल ज्योतिर्लिंग मंदिरों का उल्लेख है, जिनमें से 12 सबसे पवित्र हैं और इन्हें महा ज्योतिर्लिंग (महा ज्योतिर्लिंग) कहा जाता है।
तो आइए बिना देर किए जानते हैं 12 Original Jyotirlinga Name, Place And Images in Hindi
12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो
नीचे 12 ज्योतिर्लिंग की सूची दी गई है जिसमे उनके नाम, स्थान और फोटो का उल्लेख किया गया है:
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
श्री सोमनाथ सौराष्ट्र, (गुजरात) के प्रभास क्षेत्र में स्थित है। इस प्रसिद्ध मंदिर को अतीत में छह बार ध्वस्त एवम् निर्मित किया गया है। 1022 ई में इसकी समृद्धि को महमूद गजनवी के हमले से सार्वाधिक नुकसान पहुँचा था।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
आंध्रप्रदेश प्रान्त के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तटपर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन स्थित हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्री महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश) के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के तटपर पवित्र उज्जैन नगर में स्थित है। उज्जैन को प्राचीनकाल में अवन्तिकापुरी कहते थे।
4. ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मालवा क्षेत्र में श्रीॐकारेश्वर स्थान नर्मदा नदी के बीच स्थित द्वीप पर है। उज्जैन से खण्डवा जाने वाली रेलवे लाइन पर मोरटक्का नामक स्टेशन है, वहाँ से यह स्थान 10 मील दूर है। यहाँ ॐकारेश्वर और मामलेश्वर दो पृथक-पृथक लिंग हैं, परन्तु ये एक ही लिंग के दो स्वरूप हैं। श्रीॐकारेश्वर लिंग को स्वयम्भू समझा जाता है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
श्री केदारनाथ हिमालय के केदार नामक श्रृंगपर स्थित हैं। शिखर के पूर्व की ओर अलकनन्दा के तट पर श्री बदरीनाथ अवस्थित हैं और पश्चिम में मन्दाकिनी के किनारे श्री केदारनाथ हैं। यह स्थान हरिद्वार से 150 मील और ऋषिकेश से 132 मील दूर उत्तरांचल राज्य में है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
श्री भीमशंकर का स्थान मुंबई से पूर्व और पूना से उत्तर भीमा नदी के किनारे सह्याद्रि पर्वत पर है। यह स्थान नासिक से लगभग 120 मील दूर है। सह्याद्रि पर्वत के एक शिखर का नाम डाकिनी है। शिवपुराण की एक कथा के आधार पर भीमशंकर ज्योतिर्लिंग को असम के कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास ब्रह्मपुर पहाड़ी पर स्थित बतलाया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि नैनीताल जिले के काशीपुर नामक स्थान में स्थित विशाल शिवमंदिर भीमशंकर का स्थान है।
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
वाराणसी उत्तर प्रदेश स्थित काशी के श्रीविश्वनाथजी सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक हैं। गंगा तट स्थित काशी विश्वनाथ शिवलिंग दर्शन हिन्दुओं के लिए सबसे पवित्र है।
8. त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रान्त के नासिक जिले में पंचवटी से 18 मील की दूरी पर ब्रह्मगिरि के निकट गोदावरी के किनारे है। इस स्थान पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम भी है।
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र राज्य में पासे परभनी नामक जंक्शन है, वहाँ से परली तक एक ब्रांच लाइन गयी है, इस परली स्टेशन से थोड़ी दूर पर परली ग्राम के निकट श्रीवैद्यनाथ को भी ज्योतिर्लिंग माना जाता है। परम्परा और पौराणिक कथाओं से परळी स्थित श्रीवैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को ही प्रमाणिक मान्यता है।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग बड़ौदा क्षेत्रांतर्गत गोमती द्वारका से ईशानकोण में बारह-तेरह मील की दूरी पर है। निजाम हैदराबाद राज्य के अन्तर्गत औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग को ही कोई-कोई नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं। कुछ लोगों के मत से अल्मोड़ा से 17 मील उत्तर-पूर्व में यागेश (जागेश्वर) शिवलिंग ही नागेश ज्योतिर्लिंग है।
11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्रीरामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रान्त के रामनाड जिले में है। यहाँ लंका विजय के पश्चात भगवान श्रीराम ने अपने अराध्यदेव शंकर की पूजा की थी। ज्योतिर्लिंग को श्रीरामेश्वर या श्रीरामलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर) ज्योतिर्लिंग को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं। इनका स्थान महाराष्ट्र प्रान्त में दौलताबाद स्टेशन से बारह मील दूर बेरूल गाँव के पास है।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और उनकी फोटो के बारे में जाना। अब तक आप 12 ज्योतिर्लिंग में से कहां दर्शन कर चुके है नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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